- पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर, अगर हम सब अपने - अपने क्षेत्र में सिर्फ एक पेड़ भी लगाएँ तो ये एक कमाल की सोच होगी। जरूरत है ख़ुद को बदलने की और प्रकृती के महत्त्व को समझने की.....
धन - धान्य से भरी धरा हो,
ऐसी सृष्टि आज बनायें,
आओ हर वर्ष वृक्ष लगायें।
बिन पानी है रोता जीवन,
रोती सृष्टि रोते तुम हम,
इन वृक्षों से धरा सजाएँ,
आओ हर वर्ष वृक्ष लगायें।
कविता कल भी जारी रहेगी, ब्लॉग पर बने रहें...... अतुल सिंह
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